माँ के इस आँचल मैं

माँ के इस आँचल मैं
प्यार का सकून मिलता है
जीने की तमन्नाओ में
नया अंदाज़ मिलता है
यू तो दोलत की छांव
में लोग जीते और मरते है
मगर माँ के इस आँचल में
फलते फूलते रहते है
यू बड़े हो कर भूल जाते है
माँ बाप का प्यार
लेकिन जीवन में काम आता है
उनका आदर्श और प्यार |


:- यशोदा कुमावत

हर पल ख़ुशी का तराना चाहिए.......

अब पल पल ख़ुशी का नया तराना चाहिए
जिन्दगी के सफ़र को एक तेरा सहारा चाहिए

सोचती हूँ हर बात खवाबो में
लेकिन हकीकत में आजमाना चाहिए

बस तेरा ही साथ हर पल चाहिए
इतने काँटों में एक गुलाब चाहिए

सुख में हर कोई साथ देता है
मुझे दुख में भी तेरा साथ चाहिए

मेरे सवालो का जवाब चाहिए
अब हर पल ख़ुशी का तराना चाहिए

https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhukUdQRVk9HTMNn1OLR6Dipi7h3wii_zSxS1tF5EWotbeLJB2i0I7f2TTEtHFVGBt5JKhfyO-hFRJ7vh67ha1ro9VN0RwrdBKTca19R9C9vk4PZgfQ4rkurJMrhljvsJmx37jsgtg-KkI/s320/Prashant's+blog.jpg

:- यशोदा कुमावत

रूठ गई मेरी दोस्त.................

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धुँआ धुँआ हो उठे नज़ारे
अब
आँखे भर आईं है
सांसे इतनी बिस्ली है की
खुद से ही गबराई है
दिल इतना भारी है
इस पर गम की बदली छाई है
रूठ गई मेरी दोस्त जो ऐसे
जेसे रूठी सारी दुनियां है
मुझे छोड़ कर जो चल दी है
वो मेरी परछाई है
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEin2j3VQjaX7wkfy7SP3lqs0-uHTV0CZuru6H-TlseFXF_rL-AEn5p5O4fRpKqfCnOQjwRWp2p10ib7JJq43Uwd7eljHBF-INrdbfS2BWHo6DlCXHOBCAaMQrxyYEhUMY1WCRUN3ZoDkRhQ/s400/untitled.JPG

:- यशोदा कुमावत

दिल की बात..............

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क्या हुआ कि नजरे चुरा कर जा रहे हो |
क्या हुआ
कि हमें तन्हां छोड़े जा रहे हो ||

दिल की बात सब कह क्यूँ नहीं देते कि |
अब किसी और को अपनाने जा रहे हो ||




हाथो में खंजर देखा

कहीं मुहब्बत का दरिया तो कहीं समंदर देखा|
मालिक,
अजीब तेरी दुनिया का मंजर देखा ||

जिसे हमने अपना समझा वो गैर निकला |
उसकी जुबा पर प्यार, हाथो में खंजर देखा ||


http://1.bp.blogspot.com/_9VTPLS0pjQk/SZvasAQzUmI/AAAAAAAAAWk/8q3wjgYht_I/s400/ATgAAAB8nICklqQ7goXhLVHfwCSboOjwoX_E_67OAIu5OsthiMZJGXTQlhY7bjLVpb-f5nerGE6ldd50RU5bcqgoZOfNAJtU9VDWc2z7EmQ9iquYTFOD4qibS1PTIA.jpg


उसके नाम से

अब नफ़रत है मोहब्बत के नाम से |
अब जलन होती है उसके नाम से ||

सितम लांखों ढ़ाए उसने फिर भी |
आँखे क्यूँ रोती आज उसके नाम से ||
http://www.bhaskar.com/2009/08/13/images/Women21.jpg

:- यशोदा कुमावत

प्यार बन कर जी गई

जिन्दगी के जहर को अमृत समझ कर पी गई |
मैं हर गम के दौर में मुस्कुरा कर जी गई ||

अब मौत
बेचारी मुझे क्या मार सकेगी |
लाखों दिलों में जो प्यार बन कर जी गई ||

http://farm1.static.flickr.com/141/321771501_fd341c30d8.jpg?v=0
:- यशोदा कुमावत

मोहब्बत के लायक इन्सान नहीं मिलता


चाँद सितारों से प्यार कहाँ मिलता |
चाँद सितारों से यार कहाँ मिलता ||

फिर भी इन नज़रों से मोहब्बत है मुझे |
जमीं पे इन जैसा इन्सां कहाँ मिलता ||


:- यशोदा कुमावत

माँ के इस आँचल मैं

माँ के इस आँचल मैं
प्यार का सकून मिलता है
जीने की तमन्नाओ में
नया अंदाज़ मिलता है
यू तो दोलत की छांव
में लोग जीते और मरते है
मगर माँ के इस आँचल में
फलते फूलते रहते है
यू बड़े हो कर भूल जाते है
माँ बाप का प्यार
लेकिन जीवन में काम आता है
आदर्श और उनका प्यार |


:- यशोदा कुमावत



प्यार ओर दोस्ती


एक मुलाक़ात करो हमें दोस्त समझकर |
हम निभाएंगे दोस्ती अपना
समझकर ||

मेरी दोस्ती पर एतबार मत करना |
हम दोस्ती भी करते हे प्यार समझकर ||


यशोदा कुमावत