शबनमी शायरी
मोहब्बत के लायक इन्सान नहीं मिलता
चाँद सितारों से प्यार कहाँ मिलता |
चाँद सितारों से
यार कहाँ मिलता ||
फिर भी इन नज़रों से मोहब्बत है मुझे |
जमीं पे इन जैसा इन्सां कहाँ मिलता
||
:
- यशोदा कुमावत
1 टिप्पणी:
vandana gupta
ने कहा…
sach hai jamane mein mohabbat ke layak insaan ab nahi rahe..........sundar bhav.
30 अप्रैल 2010 को 12:24 pm बजे
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1 टिप्पणी:
sach hai jamane mein mohabbat ke layak insaan ab nahi rahe..........sundar bhav.
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