प्यार का सकून मिलता है
जीने की तमन्नाओ में
नया अंदाज़ मिलता है
यू तो दोलत की छांव
में लोग जीते और मरते है
मगर माँ के इस आँचल में
फलते फूलते रहते है
यू बड़े हो कर भूल जाते है
माँ बाप का प्यार
लेकिन जीवन में काम आता है
आदर्श और उनका प्यार |
:- यशोदा कुमावत
14 टिप्पणियां:
BAHUT KHUB
MA BAP KI SEWA HI SABSE BADA DHARM HE
बहुत ही शिक्षाप्रद रचना है!
ब्लॉग-जगत में आपका स्वागत है!
hamari or se bhi ek bar bahna ka swagat he
shkehar kumawat
माँ के इस आँचल मैं
प्यार का सकून मिलता है
जीने की तमन्नाओ में
नया अंदाज़ मिलता है
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
lagaataar likhate rahe....sudhaar ki taraf hain. kavitaa kaa bhaaw bahut gaharaa hai.
अपनी माटी
माणिकनामा
bahut sundar!
bahut achha lika hai aapne didi
BAHUT KHUB
DIDI BAHUT ACHHA LIKHA HAI AAPNE
accha bhav, sundar kavita...
blog jagat mein swaagat hai...
यू बड़े हो कर भूल जाते है
माँ बाप का प्यार
लेकिन जीवन में काम आता है
आदर्श और उनका प्यार |
सारगर्भित सच्ची और अच्छी रचना
'jise mila ho mata pita ka pyar,
usne paya jevan ka anupam uphaar'
acchi rachna,sundar bhav!
maa ke aanchal se badhkar duniya mein kuch nahi.........bahut hi sundar bhavon se sanjoyi hai.
its too good.....
" बाज़ार के बिस्तर पर स्खलित ज्ञान कभी क्रांति का जनक नहीं हो सकता "
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